रेत की तरह फिसलती जिंदगी
दर्द के सेहरा में कुछ इस तरह सिमटती गई ज़िन्दगी
हांथो से रेत तरह फिसलती गई ज़िन्दगी
कुछ मोती हाँथ लगे दिल में आश जगे
पर पथ्थरो से पहचान करती गई ज़िन्दगी
कुछ सपने हमे ले गए शहर की ओर
दिल में छाए आश घनघोर
पर मजबूरियों में कुछ इस तरह जकड़ती गई ज़िन्दगी
चाह कर भी न लौट सके हम अपनों की ओर
कारवां गुजरता रहा हम खड़े रहे एक ओर
हकीकत के भंवर में डुबोती गई ज़िन्दगी
अब तो योगी आशाओ में तैरते चले जाते है
देखते है किस मुकाम पे ले जाती है ज़िन्दगी
दर्द के सेहरा में कुछ इस तरह सिमटती गई ज़िन्दगी
हांथो से रेत तरह फिसलती गई ज़िन्दगी
कुछ मोती हाँथ लगे दिल में आश जगे
पर पथ्थरो से पहचान करती गई ज़िन्दगी
कुछ सपने हमे ले गए शहर की ओर
दिल में छाए आश घनघोर
पर मजबूरियों में कुछ इस तरह जकड़ती गई ज़िन्दगी
चाह कर भी न लौट सके हम अपनों की ओर
कारवां गुजरता रहा हम खड़े रहे एक ओर
हकीकत के भंवर में डुबोती गई ज़िन्दगी
अब तो योगी आशाओ में तैरते चले जाते है
देखते है किस मुकाम पे ले जाती है ज़िन्दगी
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