Saturday 21 July 2012

भारत का हर जवान शहीद मंगल है !

भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! रक्त में स्वाभिमान की अविरल धार है सम्मान ही हमारे जीवन का आधार है माटी में पैदा हुयें ,माटी से हमें प्यार है मिल जाएँ माटी में हम ,माटी संसार है भारत की माटी पर उठे जो बुरी नजर , हर नजर को हमारी हरदम ललकार है , शत्रु विजय करते हम माटी में जयकार है , शब्द-शब्द में जीवन के जलता अंगार है , मत समझना भूल से भी हमको लघु कभी , भारत तो हर युग में विश्व गुरु अंगीकार है , जल जाओगे, मिट जागोगे,क्या कर पाओगे , जो भारत पर कभी बुरी नजर उठाओगे , भारत बहता निर्झर प्रेम का अविरल जल है भारत कल, आज और कल है , हर पल है , हर जनम यहाँ उत्सव ,मरण यहाँ मंगल है देशप्रेम सदा से भारत का अतुल्य बल है , भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! भारत का मंगल आज बेचैन हो रो रहा है , अंधकार के जंगल में भारत जो खो रहा है , बाजार बन गयी ज़िन्दगी यहाँ बिक रही है , खंजर अब अपनों के हांथो ही दिख रही है , आज अपना ही लहू बना अपनों का लुटेरा है , दूर बहुत दूर भारत में खुशियों का सबेरा है , लाचार है सभ्यता ,अब संस्कार मर रहा है, नफरत में बदल रहा अब दिलों का प्यार है , गुलामी का तूफ़ान सामने ,कमजोर पतवार है , मंगल देख तेरा भारत आज कितना लाचार है , युवा भटक रहा है अक्सर अपनी राह से , सत्ताधारी लूटते भारत को अपनी चाल से , माँ भारती का ममतामयी आँचल आज लाल है , अपनों का लहू बहता आज अपना ही लाल है , जाग जाओ शेर मंगल, अमंगल की बेला है , हर दुश्मन ने फिर से चाल गहरा खेला है , विश्वगुरु भारत आज अपनों के बीच अकेला है ! क्रांतिकारी तू ही हर दौर में भारत का बल है , भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! यह कविता क्यों ? आजादी की चिंगारी को हवा देने वाले बहादुर शेर मंगल पाण्डेय जी को सहृदय समर्पित ! सच यही है कि भारत का हर जवान शहीद मंगल है ,दुर्भाग्य है भारत का यह दौर बड़ा अमंगल है ! सब मंगल होगा ,क्रांतिकारी फिर जनम लेने वाले है .भारत माँ कि लाज बचने वाले हैं ! जय माँ भारती ....वन्देमातरम ...अरविन्द योगीhttp://www.facebook.com/photo.php?fbid=422598847791180&set=a.154253924625675.58344.100001232064295&type=1&theater

भारत का हर जवान शहीद मंगल है !

भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! रक्त में स्वाभिमान की अविरल धार है सम्मान ही हमारे जीवन का आधार है माटी में पैदा हुयें ,माटी से हमें प्यार है मिल जाएँ माटी में हम ,माटी संसार है भारत की माटी पर उठे जो बुरी नजर , हर नजर को हमारी हरदम ललकार है , शत्रु विजय करते हम माटी में जयकार है , शब्द-शब्द में जीवन के जलता अंगार है , मत समझना भूल से भी हमको लघु कभी , भारत तो हर युग में विश्व गुरु अंगीकार है , जल जाओगे, मिट जागोगे,क्या कर पाओगे , जो भारत पर कभी बुरी नजर उठाओगे , भारत बहता निर्झर प्रेम का अविरल जल है भारत कल, आज और कल है , हर पल है , हर जनम यहाँ उत्सव ,मरण यहाँ मंगल है देशप्रेम सदा से भारत का अतुल्य बल है , भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! भारत का मंगल आज बेचैन हो रो रहा है , अंधकार के जंगल में भारत जो खो रहा है , बाजार बन गयी ज़िन्दगी यहाँ बिक रही है , खंजर अब अपनों के हांथो ही दिख रही है , आज अपना ही लहू बना अपनों का लुटेरा है , दूर बहुत दूर भारत में खुशियों का सबेरा है , लाचार है सभ्यता ,अब संस्कार मर रहा है, नफरत में बदल रहा अब दिलों का प्यार है , गुलामी का तूफ़ान सामने ,कमजोर पतवार है , मंगल देख तेरा भारत आज कितना लाचार है , युवा भटक रहा है अक्सर अपनी राह से , सत्ताधारी लूटते भारत को अपनी चाल से , माँ भारती का ममतामयी आँचल आज लाल है , अपनों का लहू बहता आज अपना ही लाल है , जाग जाओ शेर मंगल, अमंगल की बेला है , हर दुश्मन ने फिर से चाल गहरा खेला है , विश्वगुरु भारत आज अपनों के बीच अकेला है ! क्रांतिकारी तू ही हर दौर में भारत का बल है , भारत का हर जवान शहीद मंगल है ! यह कविता क्यों ? आजादी की चिंगारी को हवा देने वाले बहादुर शेर मंगल पाण्डेय जी को सहृदय समर्पित ! सच यही है कि भारत का हर जवान शहीद मंगल है ,दुर्भाग्य है भारत का यह दौर बड़ा अमंगल है ! सब मंगल होगा ,क्रांतिकारी फिर जनम लेने वाले है .भारत माँ कि लाज बचने वाले हैं ! जय माँ भारती ....वन्देमातरम ...अरविन्द योगी