रेत की तरह फिसलती जिंदगी दर्द के सेहरा में कुछ इस तरह सिमटती गई ज़िन्दगी हांथो से रेत तरह फिसलती गई ज़िन्दगी कुछ मोती हाँथ लगे दिल में आश...
About Me
arvindyogi
वाराणसी, उ .प्र, India
उसका मुस्कराना यूँ लगता था
जैसे चांदनी रात का महामिलन था
मिलन था दरिया के दो किनारों का
मिलन था हकीकत और यादो का
मन के निर्मल पन्नो को आंसुओ से भीगना था
योगी जिंदगी तो बस दर्द में भी मुस्कराना था
yogi.arvind92@gmail.com