Tuesday 3 January 2012

नई सुबह के नए उजाले

चमकते रहेंगे चाँद और तारे
नई सुबह के नए उजाले

जाने वाला पल जा रहा है
आने वाला कल आ रहा है
...
वक्त ने छेड़ी नव ताल है
नई सुबह नया साल है

सपनो का नया जहाँ है
उन्मुक्त नव उड़ान है

नव परिचय , नई पहचान है
नव गीत , नई गान है

नव प्रीत , नई रीत है
नव प्रेम ,नई जीत है

नव धार है जीवन की ,
नव बहार है मन की ,

नव उड़ान है, नई जान है
इस वर्ष की नई पहचान है !

यह कविता क्यों ? तारिख और वक़्त के बदलते हर झोंके, भला मन को नवबहारों में बहने से कैसर रोंकें ? स्वागत है नव वर्ष २०१२ नव उमंग नव जोश के साथं जय भारत
अरविन्द योगी

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