एक छोटा सा नन्हा सा बच्चा
उम्र का बिलकुल कच्चा
हृदय का बिलकुल सच्चा
हाँथ में लिए देश का झंडा
किसी तरह नन्हे हांथो से
पकडे हुए कर्तव्य का डंडा
कर्म पथ पे पड़ा हुआ है
बचपन से ही रोटी से
इस कदर जुदा हुआ है
तन मन गरीबी से जुड़ा हुआ है
बाप मदिरालय में
माँ शिवालय में
बहन कुछ बड़ी है जो
दुसरो का बर्तन मांजती है
हर पल सहारे का मुह ताकती है
देश के सविधान में
ऊँचे आसमान में तिरंगा लहरेगा
कुछ सुविचार और सुन्दर भासण
देश को समर्पित करेंगे हम
देश भक्ति अर्पित करेंगे हम
पर तिरंगा जिस जमीन पे खड़ा होगा
क्या वो मजबूत होगा
इस बचपन को रुलाते हुए
भूखे पेट जाने कितनो को सुलाते हुए
ये देश हर वर्ष गणतंत्र मनायेगा
हर दिशा में खुशिया मनायेगा
और भारत का बचपन
यूँही भूखे पेट सो जायेगा
गर ये बचपन अपने देश का तिरंगा नही बेच पायेगा
क्या भारत यूँही गणतंत्र मनायेगा
आइये आगे बढे कुछ देश हित में करे
भारत का झंडा इन नन्हे से फहरावाएं
देश के इस भटकते बचपन को
सुन्दर भविष्य की दिशा दिखाएँ
योगी भारत का दुर्योग भगाएं
देश के मासूम बचपन को सहृदय समर्पित *अरविन्द योगी * कल जब गणतंत्र मनाये तो सोचे की देश कहाँ है?
उम्र का बिलकुल कच्चा
हृदय का बिलकुल सच्चा
हाँथ में लिए देश का झंडा
किसी तरह नन्हे हांथो से
पकडे हुए कर्तव्य का डंडा
कर्म पथ पे पड़ा हुआ है
बचपन से ही रोटी से
इस कदर जुदा हुआ है
तन मन गरीबी से जुड़ा हुआ है
बाप मदिरालय में
माँ शिवालय में
बहन कुछ बड़ी है जो
दुसरो का बर्तन मांजती है
हर पल सहारे का मुह ताकती है
देश के सविधान में
ऊँचे आसमान में तिरंगा लहरेगा
कुछ सुविचार और सुन्दर भासण
देश को समर्पित करेंगे हम
देश भक्ति अर्पित करेंगे हम
पर तिरंगा जिस जमीन पे खड़ा होगा
क्या वो मजबूत होगा
इस बचपन को रुलाते हुए
भूखे पेट जाने कितनो को सुलाते हुए
ये देश हर वर्ष गणतंत्र मनायेगा
हर दिशा में खुशिया मनायेगा
और भारत का बचपन
यूँही भूखे पेट सो जायेगा
गर ये बचपन अपने देश का तिरंगा नही बेच पायेगा
क्या भारत यूँही गणतंत्र मनायेगा
आइये आगे बढे कुछ देश हित में करे
भारत का झंडा इन नन्हे से फहरावाएं
देश के इस भटकते बचपन को
सुन्दर भविष्य की दिशा दिखाएँ
योगी भारत का दुर्योग भगाएं
देश के मासूम बचपन को सहृदय समर्पित *अरविन्द योगी * कल जब गणतंत्र मनाये तो सोचे की देश कहाँ है?
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