Monday 11 April 2011

एक छोटा सा नन्हा सा बच्चा

एक छोटा सा नन्हा सा बच्चा
उम्र का बिलकुल कच्चा
हृदय का बिलकुल सच्चा
हाँथ में लिए देश का झंडा
किसी तरह नन्हे हांथो से
पकडे हुए कर्तव्य का डंडा
कर्म पथ पे पड़ा हुआ है
बचपन से ही रोटी से
इस कदर जुदा हुआ है
तन मन गरीबी से जुड़ा हुआ है
बाप मदिरालय में
माँ शिवालय में
बहन कुछ बड़ी है जो
दुसरो का बर्तन मांजती है
हर पल सहारे का मुह ताकती है
देश के सविधान में
ऊँचे आसमान में तिरंगा लहरेगा
कुछ सुविचार और सुन्दर भासण
देश को समर्पित करेंगे हम
देश भक्ति अर्पित करेंगे हम
पर तिरंगा जिस जमीन पे खड़ा होगा
क्या वो मजबूत होगा
इस बचपन को रुलाते हुए
भूखे पेट जाने कितनो को सुलाते हुए
ये देश हर वर्ष गणतंत्र मनायेगा
हर दिशा में खुशिया मनायेगा
और भारत का बचपन
यूँही भूखे पेट सो जायेगा
गर ये बचपन अपने देश का तिरंगा नही बेच पायेगा
क्या भारत यूँही गणतंत्र मनायेगा
आइये आगे बढे कुछ देश हित में करे
भारत का झंडा इन नन्हे से फहरावाएं
देश के इस भटकते बचपन को
सुन्दर भविष्य की दिशा दिखाएँ
योगी भारत का दुर्योग भगाएं
देश के मासूम बचपन को सहृदय समर्पित *अरविन्द योगी * कल जब गणतंत्र मनाये तो सोचे की देश कहाँ है?

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