राम नाम सत्य है
राम नाम सत्य है
अन्य सब असत्य है
जन्म असत्य है
बस मृत्यु सत्य है
पर जीवन तो असत्य है
कभी शिव का तांडव नृत्य है
कभी अर्जुन का कर्म कृत्य है
जीवन तो सदृश्य है
फिर मृत्यु क्यों अदृश्य है
ओह ! जब जीवन असत्य है
तो कर्म क्यों सत्य है
जब कर्म भी सत्य है
तो कर्ता क्यों असत्य है
जब राम नाम सत्य हो
क्यों कर्म नाम असत्य हो
मरण क्यों निर्मिमेष है
जीवन तो अभी शेष है
कर्म क्षेत्र खड़ा है
फर्ज लड़ने पर अड़ा है
पर हे सदा सर्वदा सत्य
कर्म नाम सत्य हो
मै योगी हूँ भारतीय हूँ
मै कहना चाहता हूँ
मै सुनना चाहता हूँ
राम नाम सत्य है
जीवन नाम सत्य है
देखो गम में भी
मुस्कराकर मस्त है
जन्म नाम सत्य है
कर्म नाम सत्य है
मरण नाम सत्य है
राम नाम सत्य है
बाकि योगी सब असत्य है
यह कविता क्यों ? कर्म ही इन्सान की पहचान है उसके जाने के बाद बस कर्म है जो उसकी याद दिलाते है मृत्यु उपरांत राम नाम के साथ मरने वाले का नाम भी जोड़ना संभवत सत्य है !
अरविन्द योगी ०७/०४/२०११
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