Thursday 7 April 2011

राम नाम सत्य है


     राम नाम सत्य है
 
राम नाम  सत्य है
अन्य सब असत्य है 
जन्म असत्य है 
बस मृत्यु सत्य है 
पर जीवन तो असत्य है 
कभी शिव का तांडव नृत्य है 
कभी अर्जुन का कर्म कृत्य है
जीवन तो सदृश्य है 
फिर मृत्यु क्यों अदृश्य है
ओह ! जब जीवन असत्य है 
तो कर्म क्यों सत्य है 
जब कर्म भी सत्य है 
तो कर्ता क्यों असत्य है

जब राम नाम सत्य हो 
क्यों कर्म नाम असत्य हो 
मरण क्यों निर्मिमेष है 
जीवन तो अभी शेष है 
कर्म क्षेत्र खड़ा है 
फर्ज लड़ने पर अड़ा है 
पर हे सदा सर्वदा सत्य 
कर्म नाम सत्य हो 
मै योगी हूँ भारतीय हूँ 
मै कहना चाहता हूँ 
मै सुनना चाहता हूँ 
राम नाम सत्य है
 जीवन नाम सत्य है    
देखो गम में भी 
मुस्कराकर मस्त है
जन्म नाम सत्य है 
कर्म नाम सत्य है 
मरण नाम सत्य है 
राम नाम सत्य है
 बाकि योगी सब असत्य है  
यह कविता क्यों ? कर्म ही इन्सान की पहचान है उसके जाने के बाद बस कर्म है जो उसकी याद दिलाते है  मृत्यु उपरांत राम नाम के साथ मरने वाले का नाम भी जोड़ना संभवत सत्य है !
     अरविन्द योगी  ०७/०४/२०११ 

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