उन्नत शिखर से गिर कर भी जो हँसते है
नए शिखर की तलाश में
कदम भी उन्ही के चलते है
पूर्व निर्धारित कुछ भी नहीं होता
अतीतत की मुश्किलों से ही
कल के भविष्य के रस्ते निकलते है
मंजिल भी उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से उडान होती है
रात में देखे सपनों की क्या पहचान होती है
जो सपने सोने न दें उन्ही सपनों में जान होती है
अरविन्द योगी
नए शिखर की तलाश में
कदम भी उन्ही के चलते है
पूर्व निर्धारित कुछ भी नहीं होता
अतीतत की मुश्किलों से ही
कल के भविष्य के रस्ते निकलते है
मंजिल भी उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से उडान होती है
रात में देखे सपनों की क्या पहचान होती है
जो सपने सोने न दें उन्ही सपनों में जान होती है
अरविन्द योगी
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